Singrauli News: जिले में सूखे की आहट,एक चौथाई भी नहीं हुई बारिश

Singrauli News: 26 जुलाई। जिले में इन्द्र देवता के रूठ जाने से सूखे की आहट दिखाई देने लगी है। 20 जुलाई तक अन्य वर्षों की तुलना में एक चौथाई भी बारिश नहीं हुई है। जिससे किसानों में हाय तौबा मची हुई है। करीब-करीब खरीफ फसलें भी बुआई से पिछड़ चुकी हैं। वहीं मक्का, ज्वार सहित अन्य फसलें पानी के अभाव में अधिकांश सूख गयी हैं।
दरअसल जिले में इस वर्ष मानसून काफी देरी से आया। वहीं मानसून दस्तक देने के बाद अचानक कमजोर पड़ गया है। तकरीबन 20 दिनों बाद ऊर्जाधानी के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हुई है। लेकिन यह बारिश न के बराबर है। हालांकि चितरंगी के सोन तीर उत्तरी भाग के कुछ हिस्सों में आज सोमवार को आधा घण्टा तक बारिश हुई है। इस बारिश से कुछ राहत भरी खबर है। परंतु खरीफ फसल पूरी तरह से पिछड़ गयी है। जिसके कारण अन्नदाताओं में हायतौबा मची हुई है।

बयोवृद्ध जानकार बताते हैं की वर्ष 1972 में इसी तरह का अकाल पड़ा था। इस बार सूखे की आहट दिखाई देने लगी है। एक आंकड़े के मुताबिक जिले में अभी तक मात्र 182 मिमी ही बारिश दर्ज की जा चुकी है। जबकि जुलाई महीना समाप्ती की ओर है। ऐसे में खरीफ फसलों के बोनी कार्य पिछडऩा चिंता का विषय हो गया है।
विधायक ने सिंगरौली को सूखे से ग्रस्त घोषित करने उठायी मांग
धौहनी विधायक कुंवर सिंह टेकाम ने सीधी जिले के साथ-साथ सिंगरौली को भी सूखे से ग्रस्त घोषित किये जाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर मांग किया है। पत्र में उन्होंने बताया कि सीधी एवं सिंगरौली जिले के सभी विकासखण्डों में बारिश न होने से फसल की बुआई नहीं हो पायी है।

जिनकी बुआई हुई भी थी या जिन्होंने बोया भी था उनकी बोनी सूख गयी है। जिसको लेकर किसान परेशान हैं। इसलिए जिले को सूखे से ग्रस्त घोषित करते हुए राहत राशि दिलायी जाय। ताकि किसान जिले से पलायन करने को मजबूर न हों।
20 फीसदी भी नहीं हुई बोनी का कार्य
जुलाई महीना समाप्त होने वाला है। एक सरकारी आंकड़े के मुताबिक करीब डेढ़ लाख हेक्टेयर भूमि खरीफ फसल बोनी के लिए निर्धारित है। किन्तु अभी तक 20 फीसदी ही खरीफ फसल बोनी का कार्य नहीं हो पाया है। बताया जा रहा है की इस वर्ष धान के साथ-साथ दलहनी फसल की बुआई पिछड़ गयी है। जिसके कारण किसानों की बेचैनी लगातार बढ़ती जा रही है।

बारिश न होने से बोनी कार्य प्रभावित: डीडीए
इस संबंध में डीडीए आशीष पाण्डेय ने बताया कि जिले में डेढ़ लाख हेक्टेयर के क्षेत्रफल में खरीफ की फसल बोनी का लक्ष्य है। लेकिन अभी तक जिले में अच्छी बारिश न होने से बोनी का कार्य प्रभावित हो रहा है। कई किसान धान का रोपा अपने नर्सरी में लगाकर अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं।
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वहीं कुछ किसान बारिश न होने से धान की बुआई न करने का मन बनाते हुए दलहन व तिलहन फसलों के बोये जाने को लेकर महत्व दे रहे हैं। अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है की कितनी बोनी हो चुकी है एक -दो दिन में स्थिति स्पष्ट हो जायेगी।
Article By Sunil