Singrauli News: भाजपा के भितरघातियों की सूची पहुंची भोपाल, कई छोटे-बड़े भाजपा नेताओं के नाम शामिल, मचा हड़कम्प

Singrauli News: 24 जुलाई। विधानसभा व लोकसभा चुनाव में कई कथित भाजपाई नेता व कार्यकर्ता भितरघात करते आ रहे थे। सिंगरौली नगरीय निकाय चुनाव में भी भितरघातियों ने यही खेल खेला है। लेकिन इस बार भाजपा प्रदेश नेतृत्व भितरघातियों को बक्सने के मूड में नहीं है और इन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी हो सकती है। ऐसे भितरघातियों की जानकारी भोपाल प्रदेश नेतृत्व तक पहुंच गयी है।
दरअसल नगरीय निकाय सिंगरौली के चुनाव में भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। भाजपा को हारने का गम नहीं बल्कि उसे इस बात की चिंता है की आम आदमी पार्टी कैसे जीती और आगे का भविष्य क्या होगा? भाजपा के मेयर प्रत्याशी को 15 हजार के अधिक मतों से जीत दिलाने का दम भरने वाले नेताओं की इन दिनों सांसे फूली हुई हैं। चुनाव परिणाम के बाद ऐसे दम भरने वाले नेता इन दिनों भूमिगत हो गये हैं।

सूत्र बताते हैं की भाजपा प्रदेश नेतृत्व को यही भरोसा दिया जा रहा था की मेयर प्रत्याशी कम से कम 15 हजार के अधिक मतों से जीत सुनिश्चित है। अचानक उनके दावे में इतना खेला कैसे हो गया इस गणित को अब धीरे-धीरे लोग समझने लगे हैं। माना जा रहा है की नेता जी के जिद के आगे भाजपा को बड़ा झटका लगा है। सूत्र बताते हैं की यदि सत्ताधारी नेताओं की बात को प्रदेश संगठन गंभीरता से लिया होता भाजपा को यह सीट गवानी न पड़ती और कोई सामान्य वर्ग मेयर का प्रत्याशी होता।
वहीं अब चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा शीर्ष नेतृत्व गोपनीय तरीके से भितरघातियों की सूची मंगाया है। जहां पार्टी के गुप्तचर द्वारा भोपाल रिपोर्ट भेज दी गयी है। चर्चा है की इस बार भाजपा भितरघातियों को बक्सने के मूड में नहीं है। करीब आधा सैकड़ा भितरघातियों के नामों की चर्चाएं जोर-शोर से चल रही हैं। फिलहाल मेयर चुनाव परिणाम में भाजपा को मिली करारी शिकस्त व आम आदमी पार्टी के इन्ट्री से BJP नेताओं की चिंताएं बढ़ गयी हैं।
2008 से ही भितरघात की चल रही परम्पराएं
भाजपा में भितरघात करने का खेला इस नगरीय निकाय चुनाव से नहीं बल्कि 2008 के विधानसभा चुनाव से शुरू हुआ है। सूत्र बताते हैं की BJP के कथित कई नेता यही खेला खेलते आ रहे हैं हालांकि मेयर चुनाव के पहले उनकी मंशा पूर्ण नहीं हो रही थी। किन्तु तथाकथित भितरघाती BJP को हराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे थे। भले ही मतदाता ऐसे भितरघातियों को इसके पूर्व नकार दे रहे थे। इस बार उनकी मंशा पूर्ण हो गयी।

यहां बताते चलें की विधानसभा चुनाव 2018 में सिंगरौली व देवसर में BJP प्रत्याशी को हराने के लिए कई चाल चले थे। साथ ही लोकसभा चुनाव में ऐसे भितरघातियों का कृत्य भी उजागर हो गया था। ऐसे कथित नेताओं के क्रियाकलाप से वाकिफ थे बाद में ऐसे तथाकथित भितरघातियों को पार्टी के संगठन में अहमियत मिलने से ईमानदारी से कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं को झटका भी लगा।
इस बार कांग्रेस ने दिखाई थी एकजुटता
नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस पार्टी बिखरी नजर नहीं आयी। बल्कि एकजुट दिखी। हालांकि अंदर के तहखाने मेें नाराज कांग्रेसियों में क्या चल रहा था यह सामने नहीं आया। प्रचार प्रसार के समय सभी एक जुट दिखे। यही कारण है की इस बार कांग्रेस मेयर प्रत्याशी को अन्य चुनाव के मुकाबले सबसे ज्यादा मत करीब 25 हजार हासिल हुआ है।

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कहा जा रहा है की कांग्रेस पार्टी के एकजुटता का परिणाम है। वहीं पूर्व मेयर रेनू शाह के वार्ड क्र.42 में कांग्रेस पार्टी को चौथे स्थान पर संतोष करना पड़ा है। इस बात को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ही तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। जबकि इस वार्ड में साहू समाज की बाहुल्यता है। चर्चा है की रेनूृ शाह का साहू समाज में पकड़ कमजोर हो रही है।
Article By Sunil