Satna Today News: जिले का अनोखा स्कूल, 2018 के बाद ब्लैक बोर्ड पर नहीं चली चाक

सतना जिले के हिनौता ग्राम में एक ऐसा विद्यालय जहां एक छात्र और एक ही शिक्षक, बड़ी बात यह हैं कि यह विद्यालय विगत 5 वर्षों से इस विद्यालय का ताला नहीं खुला और उसके ब्लैक बोर्ड में वर्ष 2018 के बाद चाक नहीं चली, इस मामले पर संकुल प्रभारी अपना अलग राग अलाप रहे और जिला पंचायत सीईओ कार्यवाही की बात कर रहे हैं।
प्रदेश सरकार जहां एक और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है, जी हां हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के सतना जिला मुख्यालय से महज बिरसिंहपुर तहसील के अंतर्गत हिनौता ग्राम की जहां शासकीय प्राथमिक शाला हिनौता में एक छात्र और एक शिक्षक पदस्थ है,
दोनों सिर्फ कागजों तक ही सीमित है, विद्यालय खंडहर में तब्दील हो चुका है, विद्यालय जाने के लिए पहुंच मार्ग भी नहीं है चारों तरफ किसानों ने अपने खेतों को जोत लिया है, इस विद्यालय के अंदर कक्षा में बने ब्लैक बोर्ड में वर्ष 2018 के बाद चाक नहीं चली है, कुर्सी टेबल में धूल का अंबार लगा हुआ है, इस बारे में जब नेता ने ग्रामीणों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि विगत 5 वर्षों से यह विद्यालय नहीं खुला है,
इस विद्यालय के शिक्षक फर्जी तरीके से विद्यालय में छात्र संख्या दर्ज कर लेते हैं, ऐसा ही एक मामला गांव के निवासी दीपू मिश्रा एवं उसके मित्र के साथ विद्यालय के शिक्षक विजय कुमार वर्मा कर चुके हैं, उन्होंने करीब 45 साल के अधिकार एवं उनके मित्र को कक्षा 1 और 2 का छात्र बना कर फर्जी तरीके से नाम दर्ज कर विद्यालय में अपनी उपस्थिति बनाए रखे थे,
जब इस बारे में ग्रामीण को पता चला तब उन्होंने इसका विरोध जताया इसके बाद शिक्षक को उनका नाम हटाना पड़ा, वही ऐसे ही अब किस छात्र का नाम विद्यालय में दर्ज करा रखा है यह तो किसी को मालूम नहीं है, लेकिन विगत कई वर्षों से विद्यालय बंद है, इसे कोई देखने और सुनने वाला नहीं है।
वही इस बारे में जब संकुल प्रभारी धर्मेंद्र गुप्ता से बात की गई तो वह अपना अलग राग अलाप रहे हैं उनकी माने तो उच्च विद्यालय में विजय कुमार वर्मा शिक्षक पदस्थ है और एक ही छात्र वहां पर अध्यनरत है, लेकिन विद्यालय बंद है आज तक उन्हें कोई सूचना नहीं मिली, शिक्षक की लापरवाही मानते हुए उन्होंने इस मामले पर मौके पर जाकर जांच करने की बात कही है,
वही विजय कुमार वर्मा 40,000 की वेतन हर माह अपने घर बैठे पूरा लुफ्त उठा रहे हैं, ऐसे मामले पर एक जिम्मेदार अधिकारी का ऐसा बयान आप सरकार की शिक्षा नीति का सहज अंदाजा लगा सकते हैं की शिक्षा को लेकर जिम्मेदार किस तरीके से सजग और गंभीर है।
वही इस बारे में जिला पंचायत सीईओ परीक्षित राव झाड़े से बात की गई तो उन्होंने मामला संज्ञान में आने के बाद कहा कि मामले की जांच की जाएगी अगर ऐसा पाया जाता है तो शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।