Satna Today News: शहर में 45 नर्सिंग होम चल रहे अवैध, जिला अस्पताल के पास भी नहीं है फायर NOC

Satna Today News: जबलपुर के एक निजी अस्पताल में हुए अग्नि कान्ड की गूंज पूरे देश मे सुनाई दे रही है और सरकार इस मामले में संवेदनशील है इसके बाबजूद सतना जिला प्रशासन लापरवाह बना हुया है, सतना शहर में खुले 47 नर्सिंग होम में से सिर्फ 2 नर्सिंग होमों ने फायर सेप्टी की व्यवस्था कर रखी है, जबकि शहर में 45 नर्सिंगहोम बिना फायर सेप्टी की व्यवस्था किये वर्षों से संचालित है।

Satna Today News: सबसे तावजुक की बात है कि जिला अस्पताल तक मे फायर सेप्टी की माकूल व्यवस्था नही है। हालकि नगर निगम का फायर विभाग लगातार नोटिस जारी कर रहा मगर निजी अस्पताल प्रबंधन इन नोटिशो को तबज्जो नही दे रहे है और स्वस्थ विभाग बिना फायर एनओसी के ही इन संस्थाओं का लाइसेंस जारी कर रहा है। जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टीसिटी हॉस्पिटल की तरह सतना के अस्पताल भी बिना फायर सेप्टी के वर्षों से चल रहे।

Satna Today News: सतना के अधिकांश निजी अस्पताल फायर सेप्टी के मापदंड पूरे नही कर रहे, जिले में खुले 47 निजी अस्पतालों में सिर्फ बिरला और सार्थक निजी अस्पताल फायर सेप्टी के मानक पूरे कर रहे जबकि 45 अस्पताल बिना फायर NOC के धड़ल्ले से चल रहे। ये अस्पताल नियम विरुद्ध तरीक़े से आवासीय भवनों में अबैध रूप से संचालित है, इन हॉस्पिटलों में आग बुझाने के इंतजाम नही है न ही इमरजेंसी एग्जिट का कोई बिकल्प, रेनबो हॉस्पिटल, जीवन ज्योति हॉस्पिटल, नाहर नर्सिंग होम, बालगोपाल हॉस्पिटल, चित्रकूट हॉस्पिटल, सहित दर्जनों हॉस्पिटल शहर में आवासीय भवनों में अवैध रूप से संचालित है,


Satna Today News: नगर निगम प्रशासन चाह कर भी कुछ नही कर पा रहा है और सिर्फ नोटिस पर नोटिस जारी कर रहा है, तो स्वास्थ्य विभाग बिना फायर एनओसी के ही इन्हें लाइसेंस जारी कर रहा। नगर निगम आयुक्त की माने तो निगम की फायर साखा ने सभी अस्पतालों का निरीक्षण समय समय पर कर रहा, नोटिस भी जारी कर रहा मगर अस्पताल प्रबंधन फायर सेप्टी के मानक पूरा करने में दिलचस्पी नही ले रहे। भोपाल के हमीदिया अस्पताल में हुए अग्निकांड में 8 मासूमों की मौत के बाद सतना जिला प्रशासन हरकत में आया था और नोटिस देकर मामला रफा दफा कर दिया गया।

Satna Today News: अब एक बार फिर जबलपुर कांड के बाद जांच पड़ताल चल रही है, सतना में अवैध हॉस्पिटल संचालको के साथ CMHO ने मीटिंग ली और फायर सेप्टी की मानक पूरे करने के आदेश दिए, जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने एक माह का समय दिया है, अस्पतालों में फायर सेप्टी की व्यवस्था कर निगम की NOC जमा करे तभी लाइसेंस जारी होंगे। बहरहाल जिले में सिर्फ दो निजी अस्पताल है जो फायर सेप्टी के मानक पूरे कर रखे है।

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Satna Today News: बाकी अधिकांश आवशीय कालोनियों में आवाशीय भवन में चल रहे जहा आपातकाल में दमकल वाहन तक नही जा सकते हालकि सरकार के निर्देश के बाद बैठकों का दौर जारी है, नतीजा सबको पता है, जब तक सतना जिला प्रशासन कड़े कदम नही उठाएगा आवासीय भवनों में चल रहे अवैध अस्पतालों में ताला नही लगेगा। तब तक सुधार नही होगा और ये अवैध अस्पताल कभी भी बड़ी जनहानि का कारण बन सकते है।