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Singrauli News: धनहरा पंचायत में करोड़ रूपये से अधिक का घोटाला

Singrauli News: धनहरा पंचायत में करोड़ रूपये से अधिक का घोटाला

Photo : Social Media

Singrauli News Today: सिंगरौली 27 मई। जनपद पंचायत बैढऩ के ग्राम पंचायत धनहरा में पिछले 7 साल के दौरान लाखों, करोड़ों रूपये के हुए घोटाले में जिला पंचायत सीईओ की ढुलमुल कार्रवाई को लेकर कई तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं। शिकायतकर्ता ने ही जिला पंचायत के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर बड़ा प्रश्रचिन्ह लगा दिया है। वहीं नोटिस के जबाव देने की म्यादि भी समाप्त हो चुकी है। अभी तक पूर्व सरपंच, दो पंचायत सचिव व रोजगार सहायक ने नोटिस का जबाव नहीं दिया है।

Singrauli News: गौरतलब हो कि जनपद पंचायत बैढऩ के ग्राम पंचायत धनहरा में वर्ष 2015 से लेकर पंचायत चुनाव 2022 के पूर्व पंच परमेश्वर, मनरेगा सहित अन्य मदों की राशि में तत्कालीन सरपंच ददनी देवी, पूर्व में पदस्थ दो पंचायत सचिव, संतोष सिंह व अशोक कुमार शाह तथा रोजगार सहायक भूपेन्द्र जायसवाल के कार्यकाल में व्यापक पैमाने पर राशि की बंदरबांट एवं कमीशनखोरी किये जाने का सनसनीखेज आरोप पंचायत के ही दुर्योधन प्रसाद जायसवाल ने लगाते हुए कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ समेत तमाम अधिकारियों के यहां 2018 से शिकायत करता आ रहा था।

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जिस पर जिला पंचायत सीईओ ने उक्त पंचायत में हुए कार्यों की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम गठित किया था। जिसमें आईबी सिंह बघेल सहायक परियोजना अधिकारी, अविनाश पाठक जिला समन्वयक जीआईएस, अरविन्द पाण्डेय एपीओ, राजकुमार गुप्ता एपीओ को जांच की जबावदेही सौंपी गयी। सूत्रों के मुताबिक जांच टीम ने शिकायतकर्ता के एक-एक बिंदुओं की जांच किया। जिसमें व्यापक पैमाने पर अनियमितताएं पायी गयीं। यहां तक की एक ही कार्य के दो-दो बार कार्य दिखाकर भुगतान भी आहरित कर लिया गया।

इसके अलावा अन्य कई ऐसे चौकाने वाले घपले हुए हैं जहां हर कोई व्यक्ति सुनकर हैरान हो जायेगा। जांच टीम ने अपना प्रतिवेदन जिला पंचायत सीईओ को पिछले माह अपै्रल के प्रथम सप्ताह में सौंप भी दिया था करीब 37 दिनों बाद 11 मई को जिला पंचायत सीईओ ने 2015 से 2022 के बीच पदस्थ कार्यरत सरपंच ददनी देवी जायसवाल, रोजगार सहायक भूपेन्द्र जायसवाल, सचिव संतोष सिंह एवं अशोक कुमार शाह को शो-कॉज नोटिस जारी कर एक सप्ताह के अंदर जबाव प्रस्तुत करने के लिए कहा था।

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नोटिस में रिकवरी राशि भी तय की गयी है। जिसमें संतोष सिंह पर केवल 9 लाख शेष सरपंच ददनी देवी पर 21 लाख 94 हजार एवं जीआरएस भूपेन्द्र जायसवाल एवं सचिव संतोष शाह पर भी इतने ही बड़े राशि वसूूली करने के निर्देश दिये गये। ताजुब इस बात का है कि नोटिस जारी करने के एक पखवाड़े बाद भी संबंधित जनों ने जबाव नहीं दिया है और न ही जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी इन पर कार्रवाई करने का साहस जुटा पा रहे हैं।

इसके पीछे कारण क्या है शिकायतकर्ता ने प्रश्नचिन्ह खड़ा कर सवालों के कटघरे मेें खड़ा कर दिया है। फिलहाल जिला पंचायत में उक्त मामले को लेकर जिम्मेदार अधिकारी की ढुलमुल रवैया पर अब तरह-तरह के सवाल पैदा होने लगे हैं।

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जिला पंचायत में दो तरह के हैं कानून!

जिला पंचायत सिंगरौली कुछ वर्षों से चर्चाओं में है। यहां पदस्थ होने वाले अधिकारियों की कार्यशैली हमेशा से सुर्खियों में रहती है। ऐसा ही मामला इन दिनों चर्चाओं में है। चार महीने पूर्व देवसर जनपद पंचायत के खंधौली पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के घोटाले में जांच उपरांत फौरन जिला प्रशासन एक्शन लेते हुए तत्कालीन रोजगार सहायक के विरूद्ध जियावन थाने में एफआईआर दर्ज कराया था जहां जीआरएस इन दिनों जेल में है।

वहीं इसकी सेवाएं भी समाप्त हैं, किन्तु बीछी पंचायत में पीएम आवास योजना व धनहरा पंचायत में लाखों, करोड़ों रूपये घोटाले के मामले में अब तक कार्रवाई न करना कहा जा रहा है कि जिला पंचायत में दो तरह के कानून चलाये जा रहे हैं। अधिकारियों की दोहरी रवैया को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।

क्या बिना एएस, टीएस के ही कार्य हुआ?

धनहरा ग्राम पंचायत में कार्य स्थल एक भुगतान दो बार हुआ। यह कोई और नहीं बल्कि जांच टीम के द्वारा दिये गये प्रतिवेदन उपरांत सीईओ जिला पंचायत ने संबंधित जनों को जारी शो-कॉज नोटिस में उल्लेख किया है। सवाल उठाया जा रहा है कि क्या पंचायत में बिना एएस, टीएस व ले आउट तथा कार्यों के बगैर मूल्यांकन के ही सब कुछ हो गया।

फिर उपयंत्री, सहायक यंत्री की क्या जरूरत थी? सहायक यंत्री एवं उपयंत्री का जांच प्रतिवेदन में कहीं जिक्र नहीं है उन्हें क्लीन चिट दिया गया है। जांच टीम की भूमिका पर भी तरह-तरह की ऊंगली उठने लगी है। आरोप लगाया जा रहा है कि उस दौरान पदस्थ तत्कालीन उपयंत्री एवं सहायक यंत्री पर मेहरबान हैं।

इनका कहना है

धनहरा पंचायत में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी कर राशि की अनियमितता किये जाने की जानकारी मिली है। इस संबंध में सीईओ जिला पंचायत को अवगत कराते हुए संबंधित जनों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है यदि त्वरित कार्रवाई नहीं हुई तो आगामी सामान्य सभा की बैठक में कार्रवाई संबंधी जानकारी ली जायेगी।
अर्चना-नागेन्द्र प्रताप सिंह
उपाध्यक्ष,जिपं सीईओ

Article By Sunil

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