Singrauli News Today: 25 मई। जनपद पंचायत बैढऩ के धनहरा ग्राम पंचायत में मनरेगा सहित 15 वें वित्त के साथ-साथ हितग्राही मूलक योजनाओं की राशि में व्यापक पैमाने पर गड़बड़झाला किया गया है। अभी तक माना जा रहा था कि तकरीबन 70-72 लाख का ही घोटाला हुआ है। लेकिन अब धीरे-धीरे पूर्व सरपंच, रोजगार सहायक व पूर्व में पदस्थ दो सचिवों के क्रियाकलाप धीरे-धीरे बेपर्दा होते हुए प्याज के छिलकों की तरह परत दर परत भेद खुलता जा रहा है।
Singrauli News: आरोप है कि इस पंचायत में एक करोड़ से ऊपर का भ्रष्ट्राचार हुआ है। जिसमें तत्कालीन उपयंत्री, सहायक यंत्री एवं जनपद सीईओ भी शक के घेरे में आ गये हैं। गौरतलब हो कि जनपद पंचायत बैढऩ के ग्राम पंचायत धनहरा में मनरेगा एवं 15 वें वित्त, पंच परमेश्वर, राज्य वित्त आयोग एवं जिला पंचायत स्तर के राशि में व्यापक पैमाने पर भ्रष्ट्राचार किये जाने का सनसनीखेज आरोप है।

ग्राम पंचायत में यह भ्रष्ट्राचार वर्ष 2015 से लेकर 2022 अप्रैल, मई महीने के बीच का है। तत्कालीन सरपंच ददनी देवी, रोजगार सहायक भूपेन्द्र जायसवाल, तत्कालीन धनहरा एवं वर्तमान बंधौरा सचिव अशोक कुमार शाह, तत्कालीन धनहरा एवं वर्तमान ग्राम पंचायत जोगियानी सचिव संतोष सिंह पर लगा है। शिकायतकर्ता दुर्योधन प्रसाद जायसवाल ने वर्ष 2018 से पंचायत में हो रहे भ्रष्ट्राचार की शिकायत कर रहा था।
आरोप है कि करीब 4 साल तक जिला एवं जनपद पंचायत के तत्कालीन अधिकारियों ने शिकायत पर पर्दा डालने का हर संभव प्रयास करते रहे और तब तक सफल रहे। लेकिन अब भ्रष्ट्राचार का अब जिला पंचायत ने ही नोटिस जारी कर तत्कालीन सरपंच ददनी देवी के कार्यकाल के दौरान पदस्थ जीआरएस एवं दो पंचायत सचिवों के क्रियाकलापों का भण्डाफोड़ किया है। जांच प्रतिवेदन में उक्त पंचायत के कर्मचारियों एवं पूर्व सरपंच पर करीब 72 लाख रूपये का भ्रष्ट्राचार की राशि जमा करने का नोटिस जारी किया है।

शिकायतकर्ता का आरोप है कि पंचायत में हितग्राही मूलक प्रधानमंत्री आवास योजना के मजदूरी भुगतान व कई हितग्राहियों से सुविधा शुल्क वसूलने, मेढ़ बंधान, लघु तालाब जैसे कार्यों में भी जमकर अनियमितताएं की गयी हैं। अभी इसकी जांच नहीं हुई है। केवल बड़े कार्यों की जांच जिला पंचायत से करायी गयी है। जांच में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आये हैं। किन्तु तत्कालीन जनपद सीईओ एवं सहायक यंत्री एवं उपयंत्री पर कहीं न कहीं मेहरबानी दिखाई दे रही है। जबकि इन्हीं के कार्यकाल में इतना बड़ा घोटाला हुआ है।

एक पुलिया निर्माण में दो मदों की राशि की हुई व्यय
जिला पंचायत की जांच टीम को चौकाने वाला तथ्य हाथ लगा है। जांच प्रतिवेदन के बिन्दु क्रमांक 12 में उल्लेख किया है कि पंचायत में पुलिया निर्माण अन्नीलाल के घर के पास बड़कुड़ नाला में राशि 15 लाख स्वीकृत है। जिसमें राशि 30 लाख रूपये के भुगतान करने की शिकायत मिली थी। जिसका परीक्षण पीआरडी पोर्टल से करने पर मिला की उक्त कार्य दो मदों से स्वीकृत कर भुगतान की कार्रवाई की गयी है। जिसमें से स्वीकृत राशि 14.94 लाख योजना पंच परमेश्वर एवं मनरेगा से स्वीकृत है।
पोर्टल के अनुसार कुल राशि 12.37 लाख रूपये का भुगतान किया गया है। जांच टीम ने इसे कूटरचित व्यय माना है। साथ ही एक ही कार्य को दो बार स्वीकृत कराकर राशि की व्यय की गयी है। जांच टीम ने इसे घोर अनियमितता माना है, लेकिन अब अनियमितता के सूत्रधारों पर बड़ा दिल दिखाने की जानकारी मिल रही है।
सहायक यंत्री, उपयंत्री पर घूमने लगी शक की सुई
शिकायतकर्ता का आरोप है कि पंचायत में इतना बड़ा घोटाला हुआ और पंचायत एवं मनरेगा के सहायक यंत्री, उपयंत्री अंजान बने रहे। कार्य स्वीकृत कराने के पूर्व तकनीकी सिविल विभाग एवं जनपद से एएस, टीएस हुआ होगा फिर बिना मूल्यांकन के इतनी बड़ी रकम का भुगतान हो पाना असंभव है।
इस घोटाले में पूर्व सरपंच, दो पंचायत सचिव एवं जीआरएस की भूमिका सामने आ ही गयी है। किन्तु जारी नोटिस में सहायक यंत्री एवं उपयंत्री का जिक्र नहीं है। जबकि इन अधिकारियों के देख-रेख में ही भ्रष्ट्राचार हुआ है। अब मामला उजागर होने के बाद जिला पंचायत के एक कर्मचारी को नागवार गुजरने लगा है। शिकायतकर्ता को ही शांत रहने की नसीहत देने लगा है।
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इनका कहना है
अभी मुझे याद नहीं आ रहा है की धनहरा पंचायत में हुई अनियमितता की नोटिस जारी की गयी है। रिकार्ड देखकर ही कल बुधवार को अवगत करा दूंगा। जब तक दस्तावेज नहीं देख पाऊंगा तब तक कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हूं। फिर भी यदि ऐसा है तो संबंधी जनों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई होगी।
गजेन्द्र सिंह नागेश
सीईओ, जिला पंचायत सिंगरौली