बचत खाता धारकों को ब्याज पर नहीं लगेगा Tax, नियम जानने के लिए पढ़िए ये खबर

आईटीआर दाखिल करते समय आपके पास विभिन्न कर लाभ विकल्प होते हैं। इसमें बचत खातों पर अर्जित ब्याज पर कर छूट भी शामिल है। इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80TTA के तहत आपको 10,000 रुपये तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होता है।
हालाँकि, ध्यान दें कि यदि आपके पास कई बचत खाते हैं, तो सभी खातों पर ब्याज की गणना अलग से नहीं की जाएगी। यदि सभी खातों से अर्जित ब्याज एक साथ 10,000 रुपये से अधिक है तो उस राशि पर कर लगाया जाएगा। यह छूट 60 वर्ष से कम आयु वालों के लिए भी उपलब्ध है।

कौन से ब्याज पर छूट नहीं

बैंक, डाकघर या सहकारी बैंक बचत खाते से अर्जित ब्याज पर आपको छूट मिलती है। यह छूट केवल 10,000 रुपये तक के ब्याज पर लागू होगी। वहीं, आपको FD, RD या किसी अन्य डिपॉजिट से अर्जित ब्याज पर टैक्स देना होता है। साथ ही, NBFC (गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान) से अर्जित ब्याज को भी धारा 80TTA से बाहर रखा गया है। आपको बता दें कि यह कटौती धारा 80सी के तहत मिलने वाली 1.50 लाख रुपये की कटौती से अलग है।

कौन हैं सेक्शन 80टीटीए के पात्र
केवल भारत में निवासी करदाता और हिंदू संयुक्त परिवार ही ब्याज पर कर छूट का लाभ उठा सकते हैं। एनआरआई अपने एनआरओ बचत खाते में 80 टीटीए के तहत इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
वरिष्ठ नागरिकों को भी छूट
बता दें कि वरिष्ठ नागरिकों को धारा 80TTB के तहत 50,000 रुपये तक की ब्याज आय पर टैक्स में छूट मिलती है। वरिष्ठ नागरिकों की श्रेणी में 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग शामिल हैं।
इसे भी पढ़े-LIC policy: एक बार पैसा देकर हर महीने पाएं 20 हजार रु, ये है कमाल की स्कीम
कैसे प्राप्त करें छूट
करदाता ध्यान दें कि आपको पहले आईटीआर में सभी ब्याज आय दिखानी होगी। आपको इसे ‘अन्य स्रोतों से आय’ के तहत दर्ज करना होगा। यहां आपको एक वित्तीय वर्ष की कुल आय को जोड़ना होगा। उसके बाद आप 80TTA के भीतर कटौती के रूप में ब्याज दिखा सकते हैं। करदाता को वित्तीय वर्ष के दौरान की गई सभी कमाई का विवरण प्रस्तुत करना आवश्यक है और ऐसा करने में विफलता के परिणामस्वरूप जुर्माना हो सकता है।
Article By Sunil