Singrauli News Today: सिंगरौली 11 नवम्बर। भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में गुरूवार को एक बैठक के दौरान जिलाध्यक्ष एवं जिला कार्यसमिति सदस्य के बीच नोकझोक होते-होते बात इतनी बढ़ गयी कि जूतम पैजार के हालात निर्मित हो गये। बैठक में मौजूद लोगों ने किसी तरह विवाद को शांत कराया। वहीं अब अनुशासनहीनता के आरोप में भाजपा के जिला कार्यालय मंत्री ने प्रवीण तिवारी को नोटिस थमा दिया है।
Singrauli News: दरअसल सूत्र बता रहे हैं कि गुरूवार को भाजपा जिला कार्यालय मेंं विधानसभा चुनाव के संबंध में जिलाध्यक्ष रामसुमिरन गुप्ता ने एक अचानक आवश्यक बैठक बुलायी। बैठक में तीनों विधान सभा चुनाव को लेकर चर्चा हो रही थी।

इसी दौरान जिला कार्यसमिति सदस्य प्रवीण तिवारी ने सवाल उठाया कि चुनाव सात दिन और शेष है। अभी तक बूथ अध्यक्षों की बैठक तक नहीं बुलायी गयी। बूथों के त्रिदेवों को भी मतदान के लिये सक्रिय नहीं किया जा रहा है। कहीं ना कहीं लापरवाही हो रही है।
जिलाध्यक्ष ने अपने ऊपर जवाबदेही न लेते हुये मण्डल अध्यक्षों को दोषी ठहराने लगे। प्रवीण तिवारी ने फिर सवाल किया कि यदि मण्डल अध्यक्ष काम नहीं कर रहे हैं तो इसकी जवाबदेही किसकी है। इसी बात को लेकर जिलाध्यक्ष झल्ला गये और प्रवीण तिवारी को उल्टा-सीधा एवं अमर्यादित भाषाओं को इस्तेमाल करतेे हुये तुम-तड़ाम करने लगे।

प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि इतने में प्रवीण तिवारी का भी गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया और जिलाध्यक्ष रामसुमिरन गुप्ता पर नगरीय निकाय चुनाव के दौरान भीतरघात करने का आरोप मढ़ दिया। यही नहीं पिछले विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में भी भीतरघात करने का आरोप लगाया। यहीं पर बात बिगड़ी और दोनों में जूतम पैजार की स्थिति निर्मित होने लगी।
मौके पर मौजूद अन्य भाजपा के पदाधिकारियों ने दोनों को किसी प्रकार शांत कराया। वहीं अब यह मामला काफी तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा के जिला कार्यालय मंत्री के के कुशवाहा ने जिला कार्यसमिति सदस्य प्रवीण तिवारी को जिलाध्यक्ष के साथ किये गये अभद्र व्यवहार के संबंध में शुक्रवार के दिन नोटिस जारी कर सात दिवस के अन्दर जवाब मांगा है। इस नोटिस जारी होने के बाद चुनाव के समय राजनीति गरमा गयी है। विपक्षी दल भाजपा पर खूब तंज कस रहे हैं।

नोटिस को सोशल मीडिया में वायरल करने पर छिड़ी जुबानी जंग
भारतीय जनता पार्टी जिला कार्यसमिति सदस्य प्रवीण तिवारी को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस किये जाने के बाद अब पार्टी में दो धड़ा बटता दिख रहा है। प्रवीण तिवारी खुद सवाल उठा रहे है कि जब भाजपा कार्यालय के अन्दर दो लोगों को बीच कहासुनी हुई। फिर नोटिस जारी करने के बाद इसे सोशल मीडिया में क्यों वायरल किया गया। जबकि इस समय विधान सभा चुनाव चल रहा है। कहीं ना कहीं जिलाध्यक्ष ने भी अनुशासनहीनता किया है वे भी इसी दायरे में आयेंगे। सोसल मीडिया में नोटिस पत्र वायरल होने के बाद तरह-तरह की चर्चाए तेज हो गयी हैं।
लोस चुनाव में त्यागपत्र देने वालों पर संगठन मेहरबान
भारतीय जनता पार्टी के ही कार्यकर्ता आपस में ही दबी जुबान में चर्चा करने लगे हैं कि पिछले विधान सभा चुनाव में भीतरघात करने एवं लोकसभा चुनाव के वक्त पद से त्यागपत्र देने वालों पर संगठन मेहरबान है। कहासुनी के दौरान यह भी बात निकलकर सामने आयी कि विधानसभा प्रभारियों की नियुक्ति सुनियोजित तरीके से किया गया है।

सिंगरौली में संतोष वर्मा एवं प्यारेलाल चतुर्वेदी को विधान सभा चुनाव प्रभारी बनाया गया है। दोनों लोग लोस चुनाव में नाराज होकर इस्तीफा दे दिये थे। ऐसे लोंगों को संगठन में उपक्रित किये जाने पर ब्राम्हण एवं बैस समाज एक खास विधानसभा में काफी नाराज हंै।